सफल व कुशल नेता (पॉलिटिशियन) कैसे बने ?
सबसे बड़ा सवाल - राजनीति में आनेवाले 99% युवा आखिर क्यूँ हो जाते हैं असफल, यह सवाल सिर्फ एक सवाल नहीं है बल्कि राजनीति में सफल होने की चाभी है क्यूंकि जब आप इस सवाल का जवाब ढूँढने निकलते हैं तो पर्दे के पीछे के उस सच से भी वाकिफ हो जाते हैं जो अजीबोगरीब भी है और भयावह भी. दोस्तों राजनीति में सफल होने के लिए जो पहली चीज हमें सोचनी पड़ती है वो यह है कि हम वे कौन सी गलतियाँ कर रहे हैं जो हमें राजनीति में पीछे धकेल रही है और इस ब्लॉग सीरीज में कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बात होगी जो राजनीति में आनेवाला लगभग हर युवा कर रहा है और ये सिर्फ गलती नहीं बल्कि एक ब्लंडर मिस्टेक हैं जिसके कारण अपने राजनैतिक कैरियर को लेकर काफी सीरियस रहने और हार्डवर्क करने के बावजूद भी युवा राजनीति में सफल नहीं हो पा रहे हैं, तो शुरुआत करते हैं पहली गलती से, यह ब्लॉग सीरीज दो भागों में होगी, पहले भाग में गलतियों पर आपको एक ओवरव्यू दिया जाएगा और दुसरे भाग में हम इसके सोल्यूशन पर चर्चा करेंगे.
नेता कैसे बनें : राजनीति की शुरुआत कैसे करें : राजनीति में कैसे आएँ : राजनीति में सफल कैसे हों : Career Tips in Politics in hindi
कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी अपने कई भाषणों में राजनीति की व्याख्या करते हुए कहते हैं कि राजनीति हमेशा से अनिश्चितताओं का खेल रही है, यहाँ कई संभावित खतरे आपके आसपास होते हैं और आप उनसे तभी निपट सकते हैं जब आपकी राजनीतिक बुद्धिमता मतलब पोलिटिकल इंटेलिजेंस विकसित हो, कई लोग यह सोचते हैं कि वर्तमान राजनीति काफी कॉम्प्लीकेटेड हो चुकी है पर क्या यह सच है, क्या पहले राजनीति में कूटनीतियों का खेल नहीं चलता था, राजनीति में यह खेल सदियों से चला आ रहा है और यदि आपको वाकई में ये कूटनीतियाँ सीखनी हैं, यदि आपको वाकई में अपनी राजनीतिक समझ विकसित करनी है, तो आपको लगभग 200 साल पहले जाना होगा क्यूंकि उस वक्त की कूटनीतियाँ आपको आज की राजनीति के लिए जो पोलिटिकल इंटेलिजेंस दे सकती है वो और कहीं से नहीं मिल सकताराजनीति में सफलता कैसे प्राप्त करें?
मैं 200 साल पहले की बात इसलिए कर रहा हूँ क्यूंकि उस समय जो गलती राजदरबार में रहनेवाले दरबारी करते थे वही गलती आज राजनीति में आनेवाले युवा कर रहे हैं, पहले राजदरबारों में क्या होता था, वहाँ का हर दरबारी चाहता था कि वो राजा का खास बनें, इसी क्रम में वो राजा को खुश करने के कई प्रयास भी करता था पर इसका उसे भारी खामियाजा उठाना पड़ता था और कई बार तो इन प्रयासों के कारण उसे मृत्युदंड तक दे दिया जाता था और मृत्युदंड मिलने के बाद वह यह सोचता था कि आखिर उसने ऐसी क्या गलती कर दी, सिर्फ राजा को खुश करने की कोशिश ही तो की थी, जैसे आज के युवा सोचते हैं कि अगर मेहनत करने से सफलता मिलती है तो वे भी तो इतने वर्षों से राजनीति में इतनी मेहनत कर रहे हैं फिर उन्हें सफलता क्यूँ नहीं मिल पा रही है, सोचो उस दरबारी के इतने बुरे हालात क्यूँ कर दिए जाते थे, क्यूंकि दुसरे दरबारी कभी यह नहीं चाहते थे कि उनके अलावा कोई और राजा का खास बनें और कोई एक अगर ऐसा करने का प्रयत्न करता तो बाकी के सारे दरबारी मिलकर उसके खिलाफ साजिश शुरू कर देते थे और राजा को उसके खिलाफ तबतक भड़काते रहते थे जबतक कि राजा उससे नफरत करना न शुरू कर दे.
Absolutely effective ways to grow as a young leader
ठीक यही स्थिति आज राजनीतिक पार्टियों में काम करने वाले युवाओं की भी हो रही है, ठीक इसी तरीके से उनके भी राजनैतिक कैरियर को पहले से स्थापित राजनेताओं द्वारा समाप्त कर दिया जा रहा है, सोचों कि यदि कठिन परिश्रम करने से राजनीति में सफलता मिलती तो सबसे ज्यादा सफल राजनीतिक पार्टी में काम कर रहा वो कार्यकर्त्ता होता जो 20 – 25 वर्षों से पार्टी के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, पार्टी का झंडा उठा रहा है, पर क्या वो कभी सफल हो पाता है? क्या पार्टी के भीतर कभी उसे वो सम्मान मिल पाता है जिसकी उसे उम्मीद होती है? दोस्तों अगले ब्लॉग में हम इसके समाधान पर भी चर्चा करेंगे और यह वही सोल्यूशन होगा जो उन दरबारियों ने इस परिस्थिति से निपटने के लिए 200 साल पहले निकाली थी, तो अगले ब्लॉग में आप देखेंगे कि 200 साल पुरानी वही सिचुएशन आज की राजनीति में भी है, चेहरे बदले हैं पर समस्या वही है और इसलिए समाधान भी वही होगा जो 200 साल पहले था, तो चलिए दोस्तों मिलते हैं इस ब्लॉग सीरीज के दुसरे भाग के साथ जो काफी रोचक और अद्भुत होने वाला है.
TO JOIN, CLICK THE LINK BELOW :-
0 टिप्पणियाँ