How to become a politician in India
इस ब्लॉग सीरीज के पहले भाग में हमारी चर्चा हुई थी कि कैसे राजदरबार में रहनेवाले दरबारी राजा को खुश करने के प्रयास में अपनी जान तक गवां बैठते थे और उसके बाद कैसे धीरे-धीरे उन्हें समझ आने लगा कि बिना कूटनीतियों के उनका आगे बढ़ पाना और तरक्की कर पाना नामुमकिन है, हमारी चर्चा इस विषय पर भी हुई थी कि आज कि राजनीति में 200 साल पहले बनाई गयी इन कूटनीतियों का महत्व कितना बढ़ गया है, यदि आपने इस ब्लॉग सीरीज के पहले भाग को अभी तक नहीं पढ़ा है तो नीचे दिए गये लिंक पर क्लिक करके अवश्य पढ़ें:-
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How to join politics
जैसे-जैसे यह ब्लॉग सीरीज आगे बढ़ती जाएगी
वैसे-वैसे आप समझ पाएंगे कि सिर्फ संविधान को जानकर या लीडरशिप स्कील्स को सीखकर
आपका राजनीति में सफल हो पाना खासा मुश्किल है क्यूंकि आपकी राजनीतिक सफलता इस बात
पर निर्भर करती है कि आप राजनीतिक कूटनीतियों को कितना जानते और समझते हैं, न कि इस
बात पर कि आपकी लीडरशिप या भाषणकला कितनी मजबूत है इसलिए राजनीति के जानकार हमेशा यह कहते हैं कि
राजनीति, कूटनीतियों के गर्भ से जन्म लेती है और सामाजिक परिस्थितियों के संसार में
फलती फूलती है अर्थात् आपकी लीडरशिप स्किल्स आपके तभी काम आएगी जब आप कूटनीतियों के महारथी
होंगे
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How to start political career in India
आज राजनीति में आनेवाले युवा भी यही गलती कर रहे हैं कि वे सारी चीजों को सीख रहे हैं, जैसे इलेक्शन मैनेजमेंट, पब्लिक स्पीकिंग, लीडरशिप स्किल्स पर एक मुख्य विषय को वे हमेशा छोड़ देते हैं- कूटनीति मतलब पोलिटिकल इंटेलिजेंस, यहाँ यह समझना आवश्यक है कि बिना पोलिटिकल इंटेलिजेंस सीखे आपकी राजनीतिक सोच या राजनीतिक बुद्धिमत्ता का जन्म ही नहीं हो सकता है और जब जन्म ही नहीं होगा तो चाहे जितनी मेहनत कर लो, आगे कैसे बढ़ पाओगे और यह बात उस वक्त के दरबारी समझ चुके थे कि यदि उन्हें राजदरबार में बड़े पद पर जाना है तो उन्हें पोलिटिकल इंटेलिजेंस सीखना पड़ेगा
How to learn politics
अब जितने भी दरबारी इसे सीखने पर अपनी उर्जा लगाते थे वे राजदरबार में
बड़े पदों पर होते थे और जो नहीं सीख पाते थे वे मामूली सैनिक या नौकर बनकर इन
पदधारियों की सेवा में लगे रहते थे. ऐसा आज की राजनीति में भी हो रहा है कि
मात्र मुट्ठी भर लोग राजनीति में सफल हैं और बाकी लोग उनके आगे-पीछे चक्कर काट रहे
हैं, कई लोग यह कहते हैं कि राजनीति में सफल होने के लिए पैसा होना चाहिए, बड़ा नाम होना चाहिए पर जब आप उनसे ऐसे एक हजार गरीब परिवार से आये राजनेताओं के नाम बताकर पूछेंगे कि आखिर
ये लोग बिना पैसों के सांसद, विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री कैसे बनें तो वे इसका कोई जवाब नहीं दे पाएँगे
How to join politics in India
हमारे इस ब्लॉग सीरीज में इलेक्शन मैनेजमेंट, पब्लिक स्पीकिंग, लीडरशिप स्किल्स जैसे राजनीति से जुड़े हर पहलु पर बात होगी पर जो चीज सबसे पहले आपको सीखनी है वो है पोलिटिकल इंटेलिजेंस, एक उदाहरण से समझो, जब आप राजनीति में आते हो तब सबसे पहले आप क्या चाहते हो कि आपका संबंध किसी सांसद-विधायक या बड़े राजनेता से बने ताकि उसकी मदद से आप राजनीति में आगे बढ़ पाओ पर यह तो आपकी चाहत है न, लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि वो बड़ा राजनेता आपसे क्या चाहता है ?
Youth politics in India
वो चाहता है कि जिंदगी भर आप उसके पिट्ठू बनकर रहो और इसके एवज में वो आपको समय-समय पर कुछ आर्थिक लाभ और थोड़ा बहुत राजनितिक लाभ भी देता रहता है, अब गौर से समझिए इस पुरे सिचुएशन को- आप सोच रहे हो कि आप उससे लाभ ले रहे हैं पर वास्तव में वो बड़ा राजनेता आपका इस्तेमाल कर रहा है. यही कारण है कि आज राजनीति में आनेवाले लाखों युवा इन बड़े राजनेताओं के शिकार बनते जा रहे हैं. वे एक शानदार राजनैतिक कैरियर की लालसा लिए राजनीति में आते तो हैं पर यहाँ आते ही ट्रैप हो जाते हैं और जीवन भर मात्र एक पेंडुलम बनकर रह जाते हैं, जो हिलता तो है पर लक्ष्य तक कभी नहीं पहुँच पाता
How to become a politician in India without money
अब सवाल खड़ा होता है कि क्या किया जाए, क्या बड़े राजनेताओं से संबंध नहीं रखना चाहिए- बिलकुल रखना चाहिए क्यूंकि यदि आपके संबंध बड़े राजनेताओं से नहीं होंगे तो राजनीति में आगे बढ़ना खासा मुश्किल हो जाएगा तो फिर दूसरा सवाल खड़ा होता है कि इन राजनेताओं से संबंध रखने पर हमारा लगातार इस्तेमाल भी तो होता रहेगा, जी बिल्कुल होता रहेगा क्यूंकि अगर वो राजनेता लोगों को अपना पिट्ठू नहीं बनाएगा तो उसके पीछे चलने वाला कौन होगा, उसके लिए जिंदाबाद के नारे कौन लगाएगा?
Youth in politics
यह सिचुएशन राजनीति में आने वाले लगभग हर युवा के सामने खड़ी होती है और आपको यह जानकर हैरानी होगी कि राजनीति में आनेवाले लगभग 90 प्रतिशत युवा यहीं ट्रैप हो जाते हैं क्यूंकि उनके पास पोलिटिकल इंटेलिजेंस नहीं होता जो उन्हें यह समझा सके कि ऐसी सिचुएशन को कैसे हैंडल किया जाए. हमारे यूट्यूब चैनल के कमेंट सेक्शन में कई लोगों के सवाल आते हैं कि टीम कैसे बनाई जाए, पब्लिक स्पीकिंग को कैसे अच्छा करें, चुनाव लड़ने के लिए फण्ड कैसे इकट्ठा करें ?
जरा सोचकर देखें कि यदि आपको राजनीति में थोड़ी तरक्की मिल जाए तो क्या होगा? लोग अपने आप आपके पीछे आयेंगे और आपकी टीम वैसे ही बनती चली जाएगी, और जहाँ तक बात है पब्लिक स्पीकिंग की तो आपको इतने मंचों पर बोलने का मौका मिलेगा कि बोलते-बोलते आपकी स्पीकिंग भी अच्छी हो जाएगी, और रही बात चुनाव लड़ने के लिए फण्ड इकट्ठा करने की- तो एक बात याद रखें कि आपके पीछे कोई पैसे तभी लगाएगा जब आप इस लायक बन जाओ क्यूंकि यह एक कड़वा सच है कि लंगड़े घोड़े पर कोई दाँव नहीं लगाता और उससे भी बड़ा सच यह है कि पोलिटिकल इंटेलिजेंस को समझे बिना आप राजनीति में कभी ऐसे पोजीशन पर पहुँच ही नहीं सकते कि लोग आप पर दाँव लगाए.
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पॉलिटिक्स विथ पंकज युवाओं के लिए अपना पोलिटिकल कैरियर शुरू करने का अपनी तरह का पहला प्रशिक्षण मंच है। चाहे आप सक्रिय राजनीति में आकर पॉलिटिशियन बनना चाहते हों या फिर चुनावी रणनीतिकार बनना चाहते हों, पॉलिटिक्स विथ पंकज कई प्रकार से आपकी सहायता करता है, आप हमारे साथ जुड़कर राजनीति की पूरी ट्रेनिंग ले सकते हैं जहाँ पर राजनीति की सूक्ष्म रणनीतियों एवं लीडरशिप की आधुनिक जरूरतों पर विस्तार से चर्चा होती है.
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